नमस्कार दोस्तों, मैं विकास त्रिपाठी, भारत वर्थ से।
क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि 1000 रुपये लेकर जब आप बाजार जाते हैं, तो अचानक ये समझ नहीं आता कि वो पैसे कहां गायब हो गए?
क्या आपको नहीं लगता कि सब्जी खरीदने गए तो झोला पहले जैसा नहीं भरता, और कई बार तो खाली हाथ ही लौटना पड़ता है?